डायबिटीज मरीजों के लिए नाशपाती वरदान, दिल का भी रखता है ख्याल

Pears are a boon for diabetes patients

Pears are a boon for diabetes patients

Pears are a boon for diabetes patients : डायबिटीज के शिकार लोगों में अक्सर क्या खाएं क्या नहीं, इसे लेकर असमंजस की स्थिति होती है। ऐसे लोगों के लिए ही नाशपाती किसी वरदान से कम नहीं। एक स्टडी भी इस पर मुहर लगाती है।

शनिवार को सामने आई जानकारी के अनुसार, अपने अच्छे स्वाद और औषधीय गुणों के लिए जानी जाने वाली नाशपाती में फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन सी, विटामिन के और पोटेशियम जैसे कई जरूरी विटामिन और मिनरल्स भरपूर मात्रा में होते हैं।

यह फल हेल्दी कोलेस्ट्रॉल लेवल को भी सपोर्ट करता है और दिल की बीमारियों से बचाने में मदद करता है। इसके साथ ही ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में भी मददगार है।

नाशपाती में भरपूर मात्रा में पोटेशियम होता है, जो नॉर्मल ब्लड प्रेशर बनाए रखने और दिल की बीमारियों से बचाने में मदद करता है। नाशपाती में मौजूद एंथोसायनिन कंपाउंड कोरोनरी आर्टरी डिजीज से भी बचाता है। फ्रंटियर्स इन न्यूट्रिशन में पब्लिश रिसर्च से पता चलता है कि रेगुलर नाशपाती खाने से स्ट्रोक का खतरा कम होता है।

नाशपाती लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स कैटेगरी में आता है और टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों के लिए एक फ्रेश स्नैक का काम कर सकता है। अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रिशन की रिपोर्ट के अनुसार, रोजाना नाशपाती खाने से डायबिटीज का खतरा कम हो सकता है। फल में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट एंथोसायनिन ब्लड शुगर में अचानक होने वाली बढ़ोतरी को रोकने में मदद करता है।

इस फल में कॉपर और पोटेशियम जैसे जरूरी मिनरल्स भी होते हैं, जो ब्लड कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। ओपन हार्ट जर्नल ने एक ट्रायल के आधार पर बताया कि हाई कोलेस्ट्रॉल वाले जिन मरीजों को 45 दिनों तक रोज 5 एमजी कॉपर सप्लीमेंट दिया गया, उनमें टोटल कोलेस्ट्रॉल, लो-डेंसिटी लिपोप्रोटीन और ट्राइग्लिसराइड्स का लेवल कम हो गया, जबकि हाई-डेंसिटी लिपोप्रोटीन का लेवल बढ़ गया। इस तरह, रेगुलर नाशपाती खाने से बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद मिल सकती है।

नाशपाती के गुण यहीं खत्म नहीं होते। ये अल्जाइमर और डिमेंशिया जैसी न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारियों का खतरा भी कम कर सकती है। इनमें एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी कंपाउंड और क्वेरसेटिन और केम्फेरोल जैसे फ्लेवोनोइड्स भरपूर मात्रा में होते हैं, जो दिमाग की कोशिकाओं को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और सूजन से बचाते हैं। एक स्टडी में पाया गया कि नाशपाती खाने से डिमेंशिया का खतरा कम होता है।

रोज एक नाशपाती खाने से कैंसर का खतरा कम हो सकता है। इस फल में मजबूत एंटी-कैंसर कंपाउंड होते हैं। बीएमसी कॉम्प्लिमेंट्री मेडिसिन एंड थेरेपीज (2021) में पब्लिश एक रिव्यू में पाया गया कि नाशपाती में मौजूद फ्लेवोनोइड्स और टेरपेनोइड्स में एंटी-कैंसर और एंटी-ट्यूमर गुण होते हैं।